Thursday, 17 November 2022

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ठाकरे गुट और शिंदे गुट में हिंसक झड़प


ठाणे। पहली बार ठाणे शहर में ठाकरे गुट और शिंदे गुट के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई है । वैसे इसके पहले भी कई बार आपसी टकराव भले ही उत्पन्न हुए, लेकिन मारपीट की घटना नहीं हो पाई थी।  सबसे अहम बात यह है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विधानसभा क्षेत्र में दोनों गुट के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प होना गंभीर राजनीतिक संकेत माना जा रहा है। 
ठाणे के वागले एस्टेट के किसननगर इलाके में शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी और बालासाहेब की शिवसेना अर्थात ठाकरे-शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प हुई. इस मारपीट में ठाकरे गुट के 2 शिवसैनिक घायल हो गए। 

बताया जाता है कि जब उक्त झड़प हो रही थी तब पुलिस भी वहां मौजूद थी, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किये जाने को लेकर दोनों गुटों के कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं इस घटना से क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। ठाणे पुलिस की तरफ से एक एसआरपी की टुकड़ी सहित कड़ा पुलिस तैनात किया गया है। इस घटना को लेकर शिवसेना पार्टी की ओर से और शिंदे समर्थकों की ओर से एक दूसरे के विरोध में श्रीनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। दोनों गुटों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया गया है।
 शिवसेना उद्धव बालासाहेब पार्टी के सांसद राजन विचारे, स्वर्गीय शिवसेना नेता आनंद दिघे के भतीजे और ठाणे जिला प्रमुख केदार दिघे भी झड़प के दौरान मौजूद थे। हालांकि, शिवसैनिकों ने उन्हें सुरक्षित घटनास्थल से बाहर निकाला। श्रीनगर पुलिस स्टेशन के बाहर भी दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के आमने-सामने आ जाने से तनाव का माहौल बन गया था। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया। घटना के बाद सोशल मीडिया पर शिवसेना गुट की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। शिवसेना सांसद राजन विचारे कहा कि क्या राज्य में गुंडों का राज है? जब वहां पहले से ही शिवसेना का कार्यक्रम चल रहा था तब मुख्यमंत्री के लोगों को आने की क्या जरूरत थी? पूरा महाराष्ट्र वीडियो देख रहा है।  प्रशासन का इस्तेमाल आम लोगों की आवाज को दबाने के लिए किया जा रहा है ऐसा आरोप भी विचारे ने लगाया है। जबकि शिंदे गुट के पदाधिकारियों ने सीपी जयजीत सिंह से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दिया। इस दौरान मिडिया से बातचीत करते हुए बालासाहेब की शिवसेना के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि श्री नगर पुलिस स्टेशन अंतर्गत आने वाले किसन नगर के भटवाड़ी क्षेत्र में दो कार्यकर्ताओं का जन्‍मदिन मनाया जा रहा था और इस दौरान हमारी पार्टी के पूर्व नगरसेवक योगेश जानकर और उनके कार्यकर्ता मौजूद थे। लेकिन इसी बीच सांसद राजन विचारे और उपजिला प्रमुख संजय घाडीगावकर अचानक आये और उनके साथ करीब 40 से 50 कार्यकर्ता भी बाहर के थे। 
 ये कार्यकर्ता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ नारेबाजी की, नारे लगाने के लिए अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया, मुख्यमंत्री के खिलाफ अश्लील भाषा में नारे लगाने पर जवाबदेही की मांग को लेकर विभाग के हजारों नागरिक श्रीनगर थाने में घुस गए। जिसके कारण महुला बिगड़ गया। तभी पुलिस ने श्रीनगर थाने के परिसर में लाठियों और लकड़ी के बैट से लोगों को पीटना शुरू कर दिया। हमने पुलिस को रोका तो भी पुलिस सुनने के मूड में नहीं थी। उनकी पिटाई जारी रही।  इस लाठी-लड़ाई में बहुत से लोगों का सिर फट गया है और घायल भी हुए। साथ ही उन्होंने पुलिस पर ठाकरे गुट को सहयोग करने का आरोप भी लगाया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। ठाणे में सीएम एकनाथ शिंदे के निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वागले स्टेट स्थित किसननगर इलाके के भटवाड़ी परिसर में शिवसेना कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। 
इस मौके पर सांसद राजन विचारे, केदार दिघे और उपजिला प्रमुख संजय घाडीगावकर भी मौजूद थे। ठाकरे गुट का आरोप है कि कार्यक्रम शुरू था। इसी बीच शिंदे गुट के पूर्व नगरसेवक योगेश जानकार वहां लगभग 150 कार्यकर्ताओं के साथ आ धमके। उन्होंने एकनाथ शिंदे के समर्थन में नारेबाजी की। इसी दौरान शिवसैनिकों और शिंदे समर्थकों के बीच झड़प शुरू हो गई। जिससे माहौल बिगड़ गया। जानकर के कार्यकर्ताओं ने उनके कार्यकर्ताओं की बेदम पिटाई की। जिसमें दो शिवसैनिक घायल हो गए। जिन का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

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